बरेली आरटीओ दफ्तर में डीएम ने मारा छापा, 12 लोग हिरासत में, चार के खिलाफ रिपोर्ट डीएम के आरटीओ ऑफिस पहुंचने से पहले ही छापे की सूचना वहां पहुंच गई। इसके बाद तमाम दलाल अपना सामान समेटकर चले गए। डीएम जब आरटीओ ऑफिस पहुंचे तो उनको गिने-चुने लोग ही मिले।बरेली के आरटीओ दफ्तर में बृहस्पतिवार को डीएम रविंद्र कुमार ने छापा मारा तो बिचौलिये और दलाल दुकानें बंद करके भाग गए।आरटीओ ऑफिस में प्रवेश करते ही डीएम ने सबसे पहले मुख्य द्वार बंद कराया।परिसर में मिले 12 बाहरी लोगों को हिरासत में ले लिया गया।वहीं, एआरटीओ की ओर से चार बिचौलियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।डीएम ने आरटीओ प्रशासन, आरटीओ प्रवर्तन, एआरटीओ प्रशासन के अधीन आने वाले पटलों का बारीकी से निरीक्षण किया। परिसर में मौजूद बाहरी लोगों के बारे में पूछा तो अधिकारी कुछ नहीं बता सके। उन्होंने परिसर में दलालों-बिचौलियों और संदिग्ध लोगों के प्रवेश पर सख्ती से लोग लगाने के आदेश दिए।परिसर में मिले लोगों से डीएम और उनके साथ पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट राजीव शुक्ला ने अलग-अलग पूछताछ की।एक व्यक्ति के पास 10-10 रुपये के 78 ई-स्टांप और एक के पास वाहनों से संबंधित कागजात मिले।अन्य लोग अपने किसी न किसी काम से आरटीओ ऑफिस आए थे।डीएम ने आरटीओ ऑफिस के बाहर दुकानों का भी निरीक्षण किया।इस दौरान वहां से ज्यादातर दुकानदार दुकानों को बंदकर भाग चुके थे। डीएम ने तहसीलदार को सभी दुकानों और आसपास के प्लॉट की जांच कराने के निर्देश दिए।तहसीलदार से यह भी रिपोर्ट मांगी कि कौन सी अचल संपत्ति किसकी है।किसके नाम बिजली कनेक्शन है और कौन दुकान चला रहा है?डीएम के छापे के बाद एआरटीओ प्रशासन मनोज कुमार की ओर से कैंट थाने में अफजाल,अवधेश,जितेंद्र व सुनील शर्मा के खिलाफ तहरीर दी गई।कैंट इंस्पेक्टर जगनारायण पांडेय ने बताया कि चारों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।अवधेश और जितेंद्र फरार हैं।
डीएम से पहले पहुंच गई छापे की सूचना
डीएम के आरटीओ ऑफिस पहुंचने से पहले ही छापे की सूचना वहां पहुंच गई।इसके बाद तमाम दलाल अपना सामान समेटकर चले गए।डीएम जब आरटीओ ऑफिस पहुंचे तो उनको गिने-चुने लोग ही मिले। दो दिन पहले भी आरटीओ ऑफिस पर औचक छापे की तैयारी थी। उस दौरान भी छापे की सूचना पहले ही पहुंच गई थी। बाद में छापे की कार्रवाई को स्थगित कर दिया गया था।
पड़ोस की दुकान में मिले वाहनों के कागजात
आरटीओ ऑफिस के पास ही स्थित बालजी सेल्स नाम की दुकान पर डीएम के साथ पहुंची टीम ने जांच की तो वहां कई दोपहिया और चार पहिया वाहनों के कागजात मिले।इन वाहन स्वामियों के बारे में पता किया तो कोई नहीं मिला।यहां सुनील शर्मा नाम के व्यक्ति से पूछताछ की गई तो वह भी संतोषजनक जवाब नहीं दे सका।जिन वाहनों के कागजात मिले हैं,उनमें कुछ का ट्रांसफर होना है और कुछ वाहनों की फिटनेस बननी है।मौके से कुछ ड्राइविंग लाइसेंस संबंधी कागजात मिलने के बाद सुनील शर्मा को हिरासत में ले लिया गया।
जांच हुई तो खुलेगा फर्जी शपथपत्र बनाने का रैकेट
परिवहन विभाग में कई कार्यों के लिए शपथपत्र की जरूरत होती है।कलक्ट्रेट और तहसील परिसर आरटीओ ऑफिस से काफी दूर है। ऐसे में कुछ लोग आरअीओ कार्यालय के आसपास ही फर्जी शपथपत्र बनाने का धंधा करते हैं। आरटीओ कार्यालय में घूमते मिले अलखनाथ मंदिर छीपी टोला निवासी अफजाल हैदर के पास से आरटीओ के नाम खरीदे गए 10-10 रुपये के 78 ई-स्टांप मिले हैं।इन स्टांप पर शपथपत्र का प्रारूप तो दर्ज था, लेकिन शपथकर्ता का नाम, पता आदि रिक्त था।उसके पास कुछ मुहरें भी मिली हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि यहां फर्जी शपथपत्र बनाने का धंधा भी चल रहा था। अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि अफजाल किस नोटरी वकील के नाम से शपथपत्र बनाने का काम करता था। इसकी बारीकी से जांच में फर्जी शपथपत्र बनाने के धंधे का भी खुलासा हो सकता है।
बरेली आरटीओ दफ्तर में डीएम ने मारा छापा 12 लोग हिरासत में चार के खिलाफ रिपोर्ट
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