सुल्तानपुर जिला महिला अस्पताल के डाक्टरों की टीम ने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया,जो शायद सरकारी अस्पताल में पहली बार हुआ है,बात कर रहे है एक अजीब-ओ-गरीब आप्रेशन की,18 जून को एक 30 वर्षीय महिला मेडिकल कॉलेज के महिला अस्पताल में डिलीवरी के लिए भर्ती होती है,महिला की स्थित लगातार बिगड़ती जा रही थी,मुख्य चिकित्साधिक्षक डां.आरके यादव के नेतृत्व में वरि.निष्चेतक डां.निशिकांत गुप्ता,सर्जन डां.सोनाली श्रीवास्तव, ओटी टैक्नीशियन इरफान,स्टाफ नर्स अम्लेश व रितु तथा वार्ड आया ज्योति की टीम बनाई गई, मरीज को ओटी में लाया गया,डाक्टरों की टीम ने आप्रेशन प्रक्रिया शुरू ही किया था,की मरीज की बच्चेदानी पहले से ही पेट में फट गई थी,और बच्चा बच्चेदानी से निकलकर पेट में आ गया था,देखकर डाक्टरों की टीम भी हैरान थी,ऐसे में डां.निशिकांत गुप्ता व डां.सोनाली श्रीवास्तव ने केश को चैलेंज के रूप में लिया,तीन घंटे तक चले आप्रेशन में डाक्टरों को महिला की जांन बचाने में सफलता मिली,मुख्य चिकित्साधिक्षक डां.आरके यादव ने बताया की मरीज के पेट में यूट्रेस का फटना और बच्चे का बच्चेदानी से निकलकर पेट में आना बहुत जटिल स्थित बन गई थी,ऐसे में हम मरीज को किसी दूसरे संस्थान के लिए रेफर करते तो मरीज का बचना मुश्किल होता,इसलिए हमने मामले को स्वयं लिया और ईश्वर की कृपा से हमारी टीम को कामयाबी मिली,उन्होनें बताया की महिला अस्पताल में आने वाली मरीजों को हमारी कोशिश रहती है की उन्हें रेफर ना किया जाए, महिला से संबंधित समस्त उपचार यही पर हो।
सीएमएस महिला के नेतृत्व में हुआ अनोखा आप्रेशन डाक्टरों की टीम ने बचाई महिला की जांन
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