प्रयागराज गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी के सियासी जीवन में 29 तारीख अशुभ है।आज इलाहाबाद हाई कोर्ट से अफजाल अंसारी के गैंगस्टर के मामले में फैसला आना है।फैसला क्या आएगा यह तो फैसला आने के बाद ही पता चल पाएगा,लेकिन अफजाल अंसारी के सियासी जीवन में 29 तारीख अशुभ से जुड़ी हुई है।अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर 29 तारीख ही क्यों अशुभ है।
गैंगस्टर मामले 29 को मिली थी सजा
दरअसल 29 नवंबर 2005 को मोहम्मदाबाद से भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित 7 लोगों के निर्मम हत्या कर दी गई थी।इसका आरोप अफजाल अंसारी और उनके भाई माफिया मुख्तार अंसारी पर लगा था।कृष्णानंद राय हत्याकांड में अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी सीबीआई कोर्ट से बरी हो चुके हैं,लेकिन कृष्णानंद राय हत्याकांड अफजाल अंसारी का पीछा नहीं छोड़ा। कृष्णानंद राय हत्याकांड के मामले में ही 120बी के तहत अफजाल अंसारी पर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज हुआ। गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर मामले में सुनवाई करते हुए 29 अप्रैल 2023 को सजा सुनाई थी। अफजाल अंसारी को 4 वर्ष की सजा और मुख्तार अंसारी को 10 वर्ष की सजा सुनाई गई थी।इसके अलावा मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उसे सुपुर्द-ए-खाक 29 मार्च 2024 को किया गया।अब इलाहाबाद हाई कोर्ट भी आज 29 जुलाई को इस मामले में अपना फैसला सुनाने वाला है।
अफजाल अंसारी का सियासी सफर
बता दें कि अफजाल अंसारी तीन बार सांसद और पांच बार विधायक रहे हैं। पहली बार 2004 में सपा के टिकट पर गाजीपुर से सांसद चुने गए।कृष्णानंद राय की हत्या के बाद अफजाल अंसारी को जेल जाना पड़ा।इसके बाद अफजाल अंसारी ने 2009 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा,लेकिन हार मिली। 2014 के लोकसभा चुनाव में अफजाल अंसारी बलिया सीट से कौमी एकता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और हार का सामना करना पड़ा। 2019 में सपा और बसपा के बीच हुए गठबंधन में बसपा ने अफजाल अंसारी को एक बार फिर गाजीपुर से चुनाव मैदान में उतारा और उन्होंने जीत दर्ज की। 2019 में भी बसपा के टिकट पर यहां से चुनाव जीते, जबकि 2024 में सपा के टिकट पर यहां से जीत दर्ज की।