दिल्ली लाल किला बम विस्फोट पर शुरुआती आकलन के बाद शीर्ष भारतीय ख़ुफ़िया सूत्रों ने बताया
•दिल्ली के लाल किले के पास हुआ विस्फोट किसी इरादे से नहीं, बल्कि घबराहट के कारण हुआ था।
•संदिग्ध का IED अधूरा और ठीक से बनाया नहीं गया था, जिससे इसका असर सीमित रहा।
•गड्ढा न बनने और प्रक्षेपास्त्रों का न होना इस बात का संकेत है कि उपकरण अधिकतम नुकसान के लिए तैयार नहीं था।
•देशव्यापी सतर्कता और दिल्ली-एनसीआर तथा फरीदाबाद में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण संदिग्ध को जल्द ही पकड़े जाने का डर था।
•विस्फोटक को दूसरी जगह ले जाने या नष्ट करने के प्रयास में, उपकरण में गलती से विस्फोट हो गया।
•जांचकर्ताओं ने पुष्टि की है कि यह आत्मघाती हमला नहीं था, बल्कि एक आकस्मिक विस्फोट था।
•विस्फोट के समय वाहन गति में था, जो आकस्मिक विस्फोट के सिद्धांत को और पुष्ट करता है।
•खुफिया अधिकारियों का कहना है कि IED पूरी तरह से सक्रिय नहीं था, जिससे इसकी विनाशकारी क्षमता कम हो गई।
•एक बड़ा हमला टाला गया, जिसका श्रेय संदिग्ध मॉड्यूलों पर “अखिल भारतीय सतर्कता और समन्वित कार्रवाई” को दिया जा सकता है।









