सुल्तानपुर – में पांच करोड़ लूट करने वाले लूटेरे गिरोह और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुआ जिसमें कुछ लूटेरों के पैरों में गोली लगी तो वहीं मुख्य आरोपी मंगेश यादव एनकाउंटर में ढेर हो गया।
जिससे अब यू पी में सियासी पारा गरम हो चुका है सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का कहना है कि एनकाउंटर नहीं बल्कि यादव जाति देख कर हत्या की गई है अखिलेश यादव निशाना साधते हुए ये भी कहा कि जो उनके पार्टी से ताल्लूक रखते थे पुलिस उनके पैरों में गोली मारकर जिंदा रख ली पर मंगेश यादव था इस लिए उसकी हत्या कर दी गई।
अखिलेश यादव ने अपने टीम को भी जौनपुर भेजा और नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव को वहां की कमान संभालने की जिम्मेदारी सौंप दी।
अब सोचने वाली बात यह है कि जिस देश में लूटेरों के लिए राजनीति होती है माफिया हिस्ट्रीशीटर दबंग बलात्कारियों अपहरण कर्ताओं के लिए राजनीति की जाती हो जातियों को मोहरा बना कर उस राज्य से अपराध भ्रष्टाचार कैसे मुफ्त हो सकता है।
मंगेश यादव पर लूट का आरोप लगा एक लाख रुपए का ईनाम रखा गया पुलिस ने मुठभेड़ में मंगेश यादव को ढेर कर दिया सरकार वाहवाही न लूट ले इस पर विपक्ष तो सामने आयेगा ही क्योंकि इसी को राजनीति कहते हैं आज भारतीय जनता पार्टी भी विपक्ष में होती और सरकार अखिलेश यादव का होता तो आज जो समाजवादी पार्टी कर रही है वही भारतीय जनता पार्टी भी करती।
क्योंकि नेता भुखमरी पर राजनीति नहीं करेंगे ग़रीब मजदूर के लिए राजनीति नहीं करेंगे लोग इलाज के आभाव से मर जाते हैं गरीब मजदूर के बच्चे अनपढ़ रह जाते हैं रोजगार के लिए दर दर भटकते रहते हैं और वही आगे चल कर क्राइम के दुनिया में क़दम रख लेते हैं देखते देखते माफिया हिस्ट्रीशीटर शूटर अपहरण कर्ता गांजा स्मैक हथियार सप्लायर बन जाते हैं फिर यही नेता ऊनको शरण देते हैं फिर जब सिर दर्द बनने लगते हैं फिर एनकाउंटर में ढेर कर दिए जाते हैं और फिर शुरू होती है सियासत जाति धर्म जनता टी वी स्क्रीन अखबार मोबाइल से चिपक कर देखता है क्राइम स्टोरी।