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महाकुंभ से किराए में भारी उछाल दिल्ली से प्रयागराज का सफर हुआ महंगा

नई दिल्ल । उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ की वजह से टूरिस्ट वाहनों की बुकिंग में बहुत तेजी है। डिमांड इतनी है कि टूरिस्ट वाहन संचालक वाहन नहीं दे पा रहे हैं। क्योंकि, टूरिस्ट वाहन कम पड़ जा रहे हैं।

दूसरे राज्यों से टूरिस्ट बसें और टेंपो ट्रैवलर मंगाकर दिल्ली के लोगों को प्रयागराज भेजकर कुछ हद तक स्थिति में सुधार लाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन सड़क मार्ग पर लगने वाला जाम राह में मुश्किल खड़ी कर रहा है।
हाल के दिनों में प्रयागराज की बुकिंग में 40 फीसदी तेजी आई है।यह इसलिए क्योंकि,अब महाकुंभ खत्म होने में चंद दिन बचा है। ऐसे में बचे लोग तय तारीख में महाकुंभ में संगम में डुबकी लगाने के भरसक प्रयास में है।
टूरिस्ट वाहनों की डिमांड में उछाल

इस स्थिति में ट्रेनों में टिकट कंफर्म नहीं मिल रहा है। साथ ही रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ है।तब लोग सड़क मार्ग से प्रयागराज पहुंचने की कोशिश में है।
दिल्ली के पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों के मुताबिक मौजूदा समय में प्रतिदिन दिल्ली से प्रयागराज 700 से अधिक पर्यटन वाहन बुकिंग पर जा रहे हैं। इसमें लगभग 350 टूरिस्ट बसें, 150 टेंपो ट्रैवलर और 200 अन्य टूरिस्ट वाहन है। ये मांग रोडवेज की बसों से अलग है।
पैकेज में महाकुंभ,अयोध्या और काशी का भी दर्शन
मांग अधिक होने से टूरिस्ट बसों और टेंपों ट्रैवलर संचालकों ने किराया भी बढ़ा दिया है। यह बढ़ोत्तरी 30 प्रतिशत से लेकर किसी-किसी मामले में 50 प्रतिशत तक है। उसमें भी कई बुकिंग प्रयागराज के साथ ही काशी और अयोध्या का भी पैकेज है।

महाकुंभ में संगम स्नान का पैकेज दो से तीन दिन तो बाकि दो स्थानों को लेकर यह तीन से चार दिन का है। आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरीश सब्बरवाल के अनुसार यह मांग अप्रत्याशित है। उन्होंने 40 वर्षों के व्यवसायिक अनुभव में ऐसी मांग नहीं देखी है। वह कहते हैं कि हर कोई महाकुंभ में जाना चाहता है।

यात्रा के घंटे पहले के मुकाबले में कितने बढ़े
अब जबकि महाकुंभ खत्म होने वाला है तो यह मांग और बढ़ी है, जिसे पूरा करने में हरिद्धार,आगरा, मेरठ, अंबाला और अमृतसर समेत शहरों से टूरिस्ट वाहनों को मंगाया जा रहा है, लेकिन हर जगह वाहनों की किल्लत है। ऊपर से प्रयागराज के रास्ते में जाम मुश्किलें बढ़ा दे रहा है, जो यात्रा 12 घंटे में पूरी होनी चाहिए, उसमें 16 से 20 घंटे तक लग रहा है। उसमें भी प्रयागराज से पहले ही वाहनों काे रोक दिया जा रहा है। इसके चलते खर्च और दिन बढ़ जा रहे हैं।

दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट के मुताबिक महाकुंभ से दिल्ली के पर्यटन वाहन उद्योग को जबरदस्त काम मिला है। स्थिति यह कि जितनी बुकिंग आ रही है, उसके मुकाबले वाहन कम पड़ जा रहे हैं। हर बुकिंग करने वाले समूह 26 फरवरी तक महाकुंभ जाना चाह रहा है। क्योंकि, महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ का आखिरी स्नान है।बुकिंग करने वालों में कॉलोनियों के निवासी, व्यापारी वर्ग और निजी तौर पर भी है।
45 सीटों वाली बस कितना ले रही किराया

मांग अधिक है तो टूरिस्ट वाहनों का किराया भी बढ़ गया है। जो 45 सीटों वाली बस आम दिनों में प्रयागराज आने-जाने का किराया 90 हजार रुपये लेती वह एक लाख 20 हजार रुपये तक वसूल रही है। इसी तरह टेंपो ट्रैवलर का किराया 40 हजार से बढ़कर 60 हजार रुपये तक हो गया है।

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