रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने “उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड” में ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फेसिलिटी केंद्र का वर्चुअल रूप से उद्घाटन किया।लखनऊ में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और वरिष्ठ नेता गणों की उपस्थिति में आयोजित भव्य उद्घाटन कार्यक्रम को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि
आज लखनऊ में, ब्रह्मोस Integration and Testing Facility Centre के, उद्घाटन के शुभ अवसर पर, आप सबसे बातचीत करते हुए, मुझे बेहद ख़ुशी हो रही है।मेरी बड़ी इच्छा थी, कि मैं physically आप सबके बीच आऊं। पर मैं क्यों नहीं आ पाया, ये बात आप सभी जानते ही हैं। अभी जिस situation से हम गुजर रहे हैं, उसे देखते हुए, मेरा दिल्ली में रहना ज्यादा जरूरी था। इसलिए मैं video conferencing के माध्यम से आपसे जुड़ रहा हूँ।मैं भले ही आपके बीच नहीं आया, लेकिन अपने उत्साह के माध्यम से, आप मुझ तक जरूर पहुँच गए हैं। यह अपने आप में एक संदेश है, कि चाहे हम किसी भी परिस्थिति में रहें, यह देश चलता रहेगा, हमारा काम नहीं रुकेगा। किसी भी स्थिति में, हमारा संवाद नहीं टूटेगा।साथियों, आज का दिन, हमारे शहर लखनऊ, हमारे राज्य उत्तर प्रदेश, और हमारे पूरे देश के लिए, एक ऐतिहासिक दिन है। आज का दिन, मैं समझता हूँ, उस शक्ति की आराधना का दिन है, जो हमारी सेनाओं को संबल प्रदान करती है, जो हमारी सेनाओं में निहित होकर दुश्मन पर कहर बरपाती है।आज का दिन, मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि मैंने अपने शहर लखनऊ के लिए, एक सपना देखा था, कि मेरा शहर, भारत के Defence sector को मज़बूत करने में, एक बड़ा योगदान दे, वह सपना अब पूरा हो रहा है।साथियों, ब्रह्मोस integration and testing facility का उद्घाटन, इसलिए भी महत्त्व रखता है, क्योंकि आज का दिन बड़ा ख़ास है। आप सब तो जानते ही हैं, कि आज National Technology Day है। आज ही के दिन, 1998 में श्रद्धेय अटल विहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में, हमारे scientists ने, पोखरण में परमाणु परीक्षण करके, दुनिया को भारत की ताकत दिखाई थी। वह परीक्षण, हमारे Scientists, Engineers, Defence personnel, और कई अन्य stakeholders के अथक प्रयासों का परिणाम था।यह, हमारे वैज्ञानिकों तथा Engineers को recognize, और उनके contribution को acknowledge करने का दिन है।मुझे अच्छी तरह याद है, जब मैंने इसका शिलान्यास किया था, उस दौरान मैंने यह इच्छा जाहिर की थी, कि जितनी जल्दी हो सके, इस project को पूरा कर लिया जाए। मुझे यह देखकर बड़ी ख़ुशी हुई, कि आप लोगों ने मेरी भावनाओं का मान रखा, और महज़ 40 महीनों में ही इस project को पूरा कर दिखाया। आज हमारे आस-पास जैसी परिस्थितियाँ हैं, उसे देखते हुए यह बेहद जरूरी हो जाता है, कि हम अपने लक्ष्यों को ऐसे ही, समयबद्ध तरीके से पूरा करते रहें।इस मौके पर, मैं उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री, श्री योगी आदित्यनाथ जी का विशेष आभार प्रकट करता हूँ। यदि इतने कम समय में, ब्रह्मोस की integration and testing facility की स्थापना हो सकी, तो इसके पीछे योगी जी का बहुत बड़ा योगदान है।मैं, DRDO, हमारे Scientists, हमारे Engineers और इस project से जुड़े हर व्यक्ति और संस्था को हृदय से बधाई देता हूँ। आप लोगों ने दिन-रात मेहनत करके, इस integration and testing facility को खड़ा किया है। देश भर के Scientists, Engineers और युवाओं का contribution, हमें इस facility centre में देखने को मिला है। मैं आपकी मेहनत और लगन को नमन करता हूँ।साथियों, हमारी सरकार, जब उत्तर प्रदेश में Defence corridor के vision को लेकर आगे बढ़ी थी, तो उस समय हमारे सामने अनेक बड़े लक्ष्य थे। उन तमाम लक्ष्यों में से, हमारा एक उद्देश्य यह भी था, कि हम उत्तर प्रदेश को एक बार फिर, देश के production centre के रूप में develop करें। UP Defence corridor, लखनऊ सहित, कानपुर, झाँसी, चित्रकूट, आगरा और अलीगढ़ से होकर गुजरता है, और ये सभी nodes, आने वाले समय में विकास के नए केंद्र बनकर उभरेंगे।एक उदाहरण मैं आपके सामने रखूँ, तो आपमें से बहुत लोगों को पता होगा, कि एक समय कानपुर और आसपास का region, products की manufacturing के लिए जाना जाता था। आर्थिक रूप से यह क्षेत्र बहुत समृद्ध था।इसे ‘मैनचेस्टर ऑफ द ईस्ट’ कहा जाता था। लेकिन आजादी के बाद, अनेक कारणों से, आर्थिक प्रगति की राह में यह क्षेत्र पिछड़ता गया, और कहीं पीछे छूट गया। मैं उन कारणों में तो नहीं जाना चाहूँगा, पर कहना यह चाहता हूँ, कि UP Defence corridor के निर्माण के बाद, यह क्षेत्र फिर से एक बार अपने पुराने वैभव को प्राप्त करने की ओर आगे बढ़ चला है। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है, कि कानपुर विकास की उन ऊँचाइयों को छुएगा, जो दुनिया के विकसित क्षेत्रों के लिए अनुकरणीय होगा। कल को west में कोई क्षेत्र जब बहुत अधिक प्रगति करेगा, तो उसे ‘कानपुर ऑफ द वेस्ट’ कहा जाएगा। इसी प्रकार, Defence Industrial Corridor के सभी nodes को develop करने के लिए, हम पूरी तरह से committed हैं।मुझे यह भी बताया गया, कि अभी तक, उत्तर प्रदेश Defence corridor में, Aircraft manufacturing, UAVs, Drones, Ammunition, Composite & Critical materials, Small arms, Textile तथा पैराशूट आदि में Major investment किये गए हैं। एक अच्छी बात यह है, कि इस Defence corridor में हमें, Public sector, और Private sector दोनों की ही बड़ी अहम भागीदारी दिखाई दे रही है।साथियों, जब मैं Private sector की भागीदारी की बात कर रहा हूँ, तो मुझे यह बताते हुए भी बड़ी ख़ुशी हो रही है, कि लखनऊ में ही, PTC industries limited द्वारा, Titanium and super-alloy material plants की शुरुआत की जा रही है।इसके अलावा 7 additional critical projects की भी नींव रखी जा रही है। यह निश्चित रूप से रक्षा क्षेत्र में, भारत की आत्मनिर्भरता की गति को और तेज करेगा।हमारा सपना है, कि उत्तर प्रदेश, दुनिया के top defence production और export destination के रूप में जाना जाय। आज जो ब्रह्मोस facility शुरू हो रही है, मैं समझता हूँ, वह UP Defence corridor का गौरव होगा । यह सिर्फ उत्तर प्रदेश का ही नहीं, बल्कि देश का सबसे बड़ा ब्रह्मोस integration and testing facility centre है। यह रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता के प्रयास को भी, मजबूती प्रदान करेगा।साथियों, जहाँ तक ब्रह्मोस का प्रश्न है, तो आप सभी यह जानते हैं, कि ब्रह्मोस दुनिया के सबसे तेज, सुपरसोनिक क्रूज missiles में से एक है। ब्रह्मोस सिर्फ एक हथियार नहीं है, बल्कि यह अपने आप में एक message है। Message हमारी armed forces के strength का। Message दुश्मन के प्रति हमारे deterrence का। Message, हमारी borders की safeguarding के हमारे commitment का।पोखरण परमाणु परीक्षण में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाले, Missile man और हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ APJ अब्दुल कलाम ने यह कहा भी था, “Unless India Stands Up To The World No One Will Respect Us In This World, Fear Has No Place Only Strength Respects Strength”अर्थात् दुनिया कमज़ोरों का नहीं, बल्कि शक्तिशाली का सम्मान करती है। उनका vision था, कि हमें अपनी ताकत को और मज़बूत करना होगा, जब तक कोई देश ताकतवर नहीं होगा, दुनिया उसका सम्मान नहीं करेगी। आज भारत दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्रों में से एक है। हम लगातार अपनी ताकत और बढ़ा रहे हैं, और मैं समझता हूँ कि आज जो facility centre शुरू हो रही है, यह भारत की शक्ति को और मज़बूत करने में सहायक होगी।साथियों, यह केवल एक factory का उद्घाटन भर नहीं है, बल्कि मैं समझता हूँ, कि यह रक्षा क्षेत्र में, भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।Uttar Pradesh Defence Industrial Corridor बनने के पश्चात, उत्तर प्रदेश के industrial development का, एक नए सिरे से श्री गणेश हो चुका है। इस Defence corridor में, अब तक कुल 180 के लगभग MoUs sign किए जा चुके हैं, जिसमें 34,000 करोड़ रूपये का investment proposed है। आपको यह जानकर खुशी होगी, कि अभी तक इस कॉरिडोर में 4,000 करोड़ रुपए का investment किया भी जा चुका है।Technology day के दिन, इस high technology platform facility को inaugurate करना, अपने आप में एक landmark day है। परंतु इसके साथ-साथ यह भारत की नई innovative energy को भी दिखाता है, जिसको हमने पिछले कुछ सालों में गति देने का प्रयास किया है।आप सब जानते हैं, कि इस समय technology के क्षेत्र में, खासकर Critical, high end, frontier technology के क्षेत्र में, बड़ी तेजी से बदलाव आ रहा है। चाहे Civil sector हो, या Defence sector, आज रोज नई-नई technologies, सभी प्रकार के products या services में, क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही हैं।हमारे जीवन का कोई भी ऐसा कार्यक्षेत्र नहीं है, जहां technology हमें disruptive तरीके से प्रभावित न कर रही हो। दुनिया के हर क्षेत्र में इस technological revolution ने, एक ऐसी उथल-पुथल मचा रखी है, जहां पुराने सारे established notions तेजी से बदल रहे हैं, और ऐसे नए परिवर्तनों का आगाज हो रहा है, जिसके बारे में पहले हम सोच भी नहीं सकते थे। ऐसे में National technology day एक खास महत्व रखता है, और इस खास दिन पर Defence के क्षेत्र में, एक high technology facility को inaugurate करना, मेरे, आपके और हम सबके लिए गर्व का विषय है।साथियों, ब्रह्मोस, भारत और रूस के highest defence technology का एक संगम है। जिस तरह हमारा उत्तर प्रदेश, प्रयाग स्थित संगम के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। उसी तरह आने वाले समय में, लखनऊ भी इस technology के संगम के लिए जाना जाएगा। यह संगम कई अनेक विशेषताओं को अपने अंदर समाहित करता है। आने वाले समय में यह रोजगार के direct या indirect opportunities पैदा करेगा। मुझे यह भी विश्वास है, कि आने वाले समय में यह region, एक growth pole के रूप में उभर कर सामने आएगा।साथियों, ब्रह्मोस जैसे complex system की एक खास विशेषता होती है। यह system, अनेक प्रकार के sub systems, components और parts से बने होते हैं, जिन्हें किसी भी एक जगह पर निर्मित करना संभव नहीं होता है। यह सभी अलग-अलग parts इतने specialized होते हैं। इनमें से हर एक को बनाने के लिए, highly skilled manpower और high technology वाले tools की आवश्यकता होती है।आपको मैं यह बताना चाहूंगा, कि हमारी Defence industry के अंदर, देश भर में चाहे वह DPSUs हो, या Private sector की industrial units हों, यह जहां स्थापित होती है, वहां अपने साथ-साथ MSMEs का एक Ancillary industrial base भी निर्मित करती हैं। इन Ancillary industrial base, से पूरे इलाके का socio-economic development होता है। मेरा मानना है, कि यह facility centre भी वही भूमिका निभाएगा।जैसा कि आप सब जानते हैं, चाहे भारत सरकार हो या राज्य सरकार, हमारी नीति एकदम साफ है — Make in India, Make for World. हमारे लिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का अर्थ बहुत व्यापक है। हम इस विचार के साथ आगे बढ़ रहे हैं, कि हमें खुद के लिए तो arms and equipment बनाना ही है, साथ ही साथ हमें पूरी दुनिया को export भी करना है।साथियों, दुनिया की military market में अपार संभावनाएँ हैं। हाल ही में, मैं Stockholm International Peace Research Institute की एक report पढ़ रहा था। उसमें उन्होंने यह बताया है, कि World military expenditure, 2024 में बढ़कर 2,718 billion dollar हो गया है। आप सोचिये, Arms and equipment का, इतना बड़ा market हमारी राह देख रहा है। इसलिए हमें बेहद मज़बूती से भारत को दुनिया के लिए, एक attractive Defence product hub के रूप में विकसित करने की ओर आगे बढ़ना होगा। आज का दिन, उस विचार की तरफ़ बढ़ाया गया, हमारा एक और ठोस कदम है।इन सारी चीज़ों ने मिलकर, उत्तर प्रदेश में development का ecosystem तैयार किया।इसी कारण हम उत्तर प्रदेश में Defence corridor का भी निर्माण कर पाए। हमने लखनऊ में Def expo का भी आयोजन किया। हमने DRDO के testing centre DTTC की भी स्थापना की। और आज जिस ब्रह्मोस facility का उद्घाटन हम कर रहे हैं, इस facility की शुरुआत से ही लगभग 500 direct और 1000 indirect रोजगार सृजित हुए हैं। यह भी कहीं न कहीं उस ecosystem के कारण ही संभव हो पाया है, जो योगीजी ने यहाँ develop किया है।यानी हमारी डबल इंजन की सरकार, उत्तर प्रदेश में, खेल से लेकर खेत तक, culture से लेकर connectivity तक, police से लेकर policy तक, और technology से लेकर tourism तक, हर क्षेत्र में विकास कर रही है।हर तरीके से उत्तर प्रदेश, और भारत के development को लेकर, हमारा resolve, हमारी dedication और हमारा commitment और भी मज़बूत होता जा रहा है।साथियों, 11 मई को पोखरण से जो आत्मविश्वास शुरू हुआ था, आज लखनऊ में वह और मजबूत हो रहा है।साथियों, अपनी बात समाप्त करने से पहले मैं कहना चाहता हूँ कि, जिन भारत विरोधी और आतंकी संगठनों ने भारत माता के मस्तक पर हमला करके कई परिवारों के सिंदूर मिटाए थे, उन्हें भारतीय सेना ने ‘आपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से इंसाफ़ दिलाने का काम किया है। इसके लिए आज सारा देश भारतीय सेनाओं का अभिनंदन कर रहा है।आपरेशन सिंदूर सिर्फ़ एक सैन्य कार्रवाई भर नहीं है, बल्कि भारत की राजनीतिक, सामाजिक और सामरिक इच्छाशक्ति का प्रतीक है। यह ऑपरेशन आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत की दृढ़ इच्छा शक्ति का और सैन्य शक्ति की क्षमता और संकल्प शक्ति का भी प्रदर्शन है। हमने दिखाया है कि भारत आतंकवाद के ख़िलाफ़ जब भी कोई कार्रवाई करेगा तो आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए सरहद पार की ज़मीन भी सुरक्षित नहीं रहेगी। भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर को पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ढाँचा ढहाने के उद्देश्य से लांच किया था। हमने उनके आम नागरिकों को कभी निशाना नहीं बनाया था। मगर पाकिस्तान ने न केवल भारत के नागरिक इलाकों को निशाना बनाया बल्कि मंदिर, गुरुद्वारा और गिरिजाघर पर भी हमले करने का प्रयास किया। भारतीय सेना ने शौर्य और पराक्रम के साथ-साथ संयम का भी परिचय देते हुए पाकिस्तान के अनेक सैन्य ठिकानों पर प्रहार करके करारा जवाब दिया है। हमने केवल सीमा से सटे सैन्य ठिकानों पर ही नहीं कार्रवाई की बल्कि भारत की सेनाओं की धमक उस रावलपिंडी तक सुनी गई जहाँ पाकिस्तानी फौज का हेडक्वार्टर मौजूद है।मित्रों, भारत में आतंकवादी घटनाएँ करने और कराने का क्या अंजाम होता है, यह पूरे विश्व ने उरी की घटना के बाद देखा जब हमारी सेना ने पाकिस्तान में घुस कर सर्जिकल स्ट्राइक की, पुलवामा के बाद देखा जब बालाकोट पर एयर स्ट्राइक की गईं, और अब पहलगाम की घटना के बाद दुनिया देख रही है जब भारत ने पाकिस्तान के भीतर घुस कर मल्टीपल स्ट्राइक्स की हैं। आतंकवाद के ख़िलाफ़ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हुए हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि यह नया भारत है जो आतंकवाद के ख़िलाफ़ सरहद के इस पार और उस पार दोनों तरफ़ प्रभावी कारवाई करेगा |मैं एक बार फिर से, BrahMos Integration and Testing Facility Centre और इस project में शामिल सभी stakeholders को बधाई देता हूं। मैं साथ ही PTC industries limited को भी उनके ambitious project पर बधाई देता हूँ। इन तमाम projects की शुरुआत पर, मैं लखनऊ और उत्तर प्रदेश की जनता को भी बधाई देता हूँ, जो इस ऐतिहासिक पहल का हिस्सा बन रही है।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य , उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक , मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार नंदगोपाल गुप्ता नंदी , सांसद राज्यसभा बृजलाल , पूर्व मंत्री एवं सदस्य विधान परिषद डॉ० महेंद्र सिंह , विधान परिषद श्री मुकेश शर्मा , महानगर अध्यक्ष भाजपा, लखनऊ आनंद द्विवेदी , सदस्य विधान परिषद रामचंद्र प्रधान , सदस्य, विधान परिषद पवन सिंह चौहान , सदस्य विधान परिषद डॉ० लालजी प्रसाद निर्मल , विधायक डॉ० राजेश्वर सिंह , विधायक श्री नीरज बोरा , विधायक श्री योगेश शुक्ला , सचिव रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग एवं चेयरमैन, डी०आर०डी०ओ० डॉ० समिर वी० कामत , ब्रह्मोस एयरोस्पेस के महानिदेशक एवं प्रख्यात वैज्ञानिक डॉ० जयतीर्थ राघवेंद्र जोशी , रक्षा मंत्री ओएसडी केपी सिंह, सांसद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी और डॉक्टर राघवेंद्र शुक्ला एवं अन्य उपस्थित रहे