लखनऊ राजधानी में वर्टिकल व्यवस्था पर फिर संशय! 1 नवंबर से लागू होने की संभावना नगण्य, अफसरों में हड़कंप उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के अध्यक्ष आशीष गोयल की महत्वाकांक्षी “वर्टिकल व्यवस्था” राजधानी लखनऊ में तय तारीख 1 नवंबर से लागू होना अब लगभग नामुमकिन माना जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, प्रबंध निदेशक स्तर से ज्ञापन जारी होने के बावजूद वर्टिकल प्रणाली की तैयारी आधी-अधूरी है। फील्ड से लेकर जोनल स्तर तक कई तकनीकी और प्रशासनिक खामियां अब भी जस की तस हैं। अंदरखाने चर्चाओं में खुद अधिकारी मान रहे हैं कि इस व्यवस्था को लागू करने में अभी कई हफ्ते लग सकते हैं।
राजधानी में किरकिरी की आशंका
लखनऊ जोन में व्यवस्था लागू न हो पाने से पूरे कॉरपोरेशन की साख पर सवाल खड़े हो रहे हैं। राजधानी में ही यदि नई व्यवस्था फेल होती है तो अन्य जोनों में इसका असर स्पष्ट दिखेगा। कई अधिकारी इसे “बिना तैयारी का प्रयोग” बताते हुए आपसी समन्वय की कमी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
क्या है वर्टिकल व्यवस्था?
वर्टिकल मॉडल के तहत डिस्ट्रीब्यूशन और कमर्शियल शाखाओं को अलग-अलग जिम्मेदारियों और जवाबदेही में बांटा जाना है, ताकि जवाबदेही तय हो और कार्यकुशलता बढ़ाई जा सके। मगर ज़मीनी हकीकत में कर्मचारियों की तैनाती, पदनाम और फाइल ट्रांजिशन को लेकर भारी असमंजस बना हुआ है।
आज दोपहर तक साफ़ तस्वीर
सूत्रों के अनुसार, आज दोपहर तक कॉरपोरेशन मुख्यालय से इस पर अंतिम संकेत मिल सकते हैं। यदि नई तिथि घोषित हुई तो यह स्पष्ट संदेश होगा कि राजधानी लखनऊ में वर्टिकल व्यवस्था फिलहाल टल गई है।क्योंकि ऊर्जा व्यवस्था में बदलाव की यह कवायद, बिजली से ज़्यादा “राजनीति” से चार्ज दिखाई दे रही है।









