लखनऊ राजधानी में शुक्रवार को वकील काम नहीं करेंगे। प्रस्तावित अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 के प्रावधानों के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए लखनऊ बार एसोसिएशन और सेंट्रल बार एसोसिएशन ने कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है।
लखनऊ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश प्रसाद तिवारी ने बताया कि सरकार द्वारा अधिवक्ता अधिनियम 1961 में संशोधन कर तैयार किया गया यह ड्राफ्ट वकीलों के हितों के खिलाफ है। इस बिल के कई प्रावधान वकीलों के संवैधानिक अधिकारों और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन करते हैं।
सेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अरविंद कुशवाहा ने भी वकीलों की एकजुटता पर जोर देते हुए कहा कि इस बिल के विरोध में शुक्रवार को वकील काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराएंगे। इसके अलावा, हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा तक शांतिपूर्ण मार्च भी निकाला जाएगा। इसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।
वकीलों का कहना है कि यदि सरकार इस बिल पर पुनर्विचार नहीं करती है, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।