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ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय का 9वां दीक्षांत समारोह राज्यपाल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।

लखनऊ ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय का 9वां भव्य दीक्षांत समारोह आज राज्यपाल की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (CIPET) के डीजी प्रो. शिशिर सिन्हा उपस्थित रहे। उन्हें डीलिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। विशिष्ट अतिथि,उच्च शिक्षा मन्त्री योगेंद्र उपाध्य, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी, कुलपति प्रो. नरेंद्र बहादुर सिंह, राष्ट्रीय सनातन महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी सिंह सहित कई गणमान्य अतिथियों ने समारोह की गरिमा बढ़ाई।

समारोह में कुल 1431 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई, जिसमें 149 मेडल भी शामिल थे। कुलपति प्रो. एनबी सिंह ने बताया कि मेडल पाने वाले छात्रों में 89 छात्राएं और 43 छात्र शामिल हैं। इनमें 61 गोल्ड, 45 सिल्वर, और 43 कांस्य पदक वितरित किए गए। इसके अतिरिक्त 21 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि दी गई।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “डिग्री केवल सफलता का प्रमाण नहीं है, बल्कि यह समाज और राष्ट्र के प्रति आपके कर्तव्यों की शुरुआत है।” उन्होंने छोटे बच्चों के उन्नयन और आंगनबाड़ी कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करने की बात कही। इसके साथ ही, उन्होंने पूर्व वैज्ञानिकों के कार्यों को सराहते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया। सनातन संस्कृति और रामायण से जुड़े उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने प्रोफेसर और छात्रों को नैतिकता, संस्कृति, और जिम्मेदारी का महत्व समझाया।

उच्च शिक्षा मंत्री रजनी तिवारी ने छात्रों को उनकी मेहनत और उपलब्धियों के लिए बधाई दी और कहा कि यह दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता का प्रतीक है। राष्ट्रीय सनातन महासंघ के अध्यक्ष जेपी सिंह ने भारतीय संस्कृति और शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को अपनी जड़ों से जुड़े रहने की प्रेरणा दी।

कुलपति प्रो. एनबी सिंह ने घोषणा की कि विश्वविद्यालय ने अवध क्षेत्र की लोकसंस्कृति और भाषा के विकास के लिए अवधी शोध पीठ की स्थापना की है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष विश्वविद्यालय में रिकॉर्ड 2099 छात्रों ने दाखिला लिया, और सभी व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की सीटें भरी जा चुकी हैं।

अगले सत्र से विश्वविद्यालय भारतीय भाषा विभाग की स्थापना करेगा, जहां गुजराती, बांग्ला, मराठी, पंजाबी, तमिल, और अन्य भाषाओं की पढ़ाई होगी। इसके अलावा, भाषा टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी नई योजनाएं शुरू की जाएंगी। विश्वविद्यालय वाणिज्य विभाग के तहत चार वर्षीय एंबेडेड पाठ्यक्रम और 10 नए सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू करेगा।

समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए विश्वविद्यालय ने पांच गांवों को गोद लिया है और वहां निशुल्क कानूनी सलाह के लिए लीगल एड क्लीनिक शुरू किया जाएगा। हिन्द मेडिकल कॉलेज के सहयोग से एक कम्युनिटी क्लीनिक की भी शुरुआत होगी। NSS की तीन नई इकाइयों को शासन से स्वीकृति मिल चुकी है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा कार्य करेंगी।

दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के प्राध्यापक, अधिकारी, विद्यार्थी और उनके परिजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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