हर साल 21 जून को मनाया जाने वाला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, न केवल एक योगाभ्यास का अवसर है, बल्कि यह एक वैश्विक स्वास्थ्य आंदोलन का प्रतीक भी बन चुका है। इस दिन विश्वभर में लोग एकत्रित होकर योग करते हैं और इसके लाभों के प्रति जागरूकता फैलाते हैं। इस वर्ष के योग दिवस का विषय “योग für मानवता” (योग मानवता के लिए) है, जो इस प्राचीन कला के माध्यम से मानसिक, शारीरिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का संदेश देता है।
योग का महत्व
योग, जो कि लगभग 5000 साल पुरानी एक प्राचीन भारतीय विद्या है, आज विश्व भर में लोकप्रियता हासिल कर चुका है। वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि नियमित योगाभ्यास से तनाव, चिंता और अवसाद में कमी आती है। इसके अलावा, यह शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार करने, फोकस बढ़ाने और आत्म-सम्मान को बढ़ाने में भी मदद करता है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता देने का प्रस्ताव रखा था, जिसे सभी देशों ने समर्थन दिया। मोदी ने कहा, “योग केवल एक व्यायाम नहीं है; यह एक जीवनशैली है।”
विश्वभर में योग दिवस का उत्सव
इस विशेष दिन पर, अनेक देशों में योग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भारत में, दिल्ली के राजपथ पर एक विशाल सभा का आयोजन किया जाता है, जिसमें हजारों लोग भाग लेते हैं। इस वर्ष, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों और योग विशेषज्ञों ने भाग लिया।
योग शिक्षक, अंजलि तिवारी ने कहा, “योग सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य का भी साधन है। इस दिन का उद्देश्य सभी को योग के लाभों के प्रति जागरूक करना है।”
विभिन्न दृष्टिकोण
हालांकि योग दिवस का उत्सव उत्साह और सकारात्मकता से भरा होता है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि योग का व्यावसायीकरण इसकी आध्यात्मिकता को कम कर रहा है। प्रसिद्ध योगाचार्य, रामेश्वर नाथ ने कहा, “योग की मूल भावनाओं को समझना आवश्यक है। यदि हम केवल आसनों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो हम इसकी गहरी शिक्षा को खो देते हैं।”
निष्कर्ष
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक ऐसा अवसर है जो न केवल योग के लाभों को उजागर करता है, बल्कि लोगों को एक दूसरे के साथ जोड़ता है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि स्वास्थ्य केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक भी होता है। जब हम योग के माध्यम से अपने आप को संतुलित और समर्पित करते हैं, तो हम एक स्वस्थ और खुशहाल समाज की दिशा में कदम बढ़ाते हैं। इस वर्ष के योग दिवस पर, आइए हम सभी मिलकर इस प्राचीन कला को अपनाएं और अपने जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करें।