लखनऊ का एक जाना माना नाम पुनीता भटनागर लखनऊ के वरिष्ठ व प्रसिद्ध समाजसेवी पुनीता भटनागर का कई वर्षों से महिलाओं बच्चों खासतौर पर लड़कियों की शिक्षा रोजगार के लिए कार्य कर रहे हैं उन्होंने इस संदर्भ में SHIVI SHILPGRAM के समाजसेवी संगठन की संस्थापकअध्यक्ष है, एवं संगठन के जरिए लोगों को रोजगार देना सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य आदि के क्षेत्र में जागरूक करना उनका मुख्य उद्देश्य रहा है पुनीता भटनागर स्वयं अपनी संगठन की ही नहीं बल्कि लखनऊ के लगभग सभी संगठन से जुड़ी हुई है और समाज सेवा 24 / 7 आपका कार्य रहा है लखनऊ में देखा जाए तो कोई भी कार्यक्रम होता है तो पुनीता भटनागर जी के बिना अधूरा ही रहता है चाहे वह धार्मिक कार्यक्रम हो सांस्कृतिक कार्यक्रमों शिक्षा क्षेत्र रोजगार स्वास्थ्य संबंधी के कार्यक्रम हो इतना ही नहीं संगठनों को भी प्रेरणा व सहायता देती चली जा रही है श्रीमती पुनीता भटनागर राजनीति के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं एवं मिशन मोदी के जरिए लोगों को एकजुट कर विकास की परिकल्पना को साकार कर रही है
श्रीमती पुनीता भटनागर द्वारा स्वयं अपने संसाधनों से लखनऊ में इस वर्ष कई कार्यक्रम करवाए हैं और आगे भी उनके कार्यक्रम होने हैं इसी संदर्भ में बताना चाहूंगा कि 15 JUNE 2025 में एक अनूठा कार्यक्रम FATHER’S DAY जिसमें पिता को बच्चों द्वारा सम्मानित करने का एक अनूठा कार्यक्रम उन्होंने रखा था जो की एक अनूठा और प्रेरणादायक कार्यक्रम था इसमें पुत्र व पुत्री द्वारा अपने पिता को सम्मानित किया गया था कि उन्होंने जीवन पर्यंत जो भी त्याग बलिदान दिया अपने बच्चों के भविष्य बनाने में उसको धन्यवाद देने के लिए कार्यक्रम रखा गया था यह बहुत ही अनूठा कार्यक्रम खास तौर पर लखनऊ के लिए था
इसके अलावा श्रीमती पुनीता भटनागर सजग है इन्होंने पर्यावरण पर एक कार्यक्रमों की श्रृंखला रखी है जिसमें सर्वप्रथम उन्होंने पर्यावरण पर एक कार्यक्रम रखा था जिसका विषय था पर्यावरण संरक्षण और इसका अनूठा पाठ यह था कि उन्होंने लोगों को कई महीनो से प्रेरित किया कि वह अपने घरों में अपनी क्षमता अनुसार जगह के हिसाब से वृक्षारोपण, पौधा रोपण ,फलदार वृक्ष आयुर्वेदिक जड़ी बूटी आदि वृक्षों का पौधारोपण करें तथा उसका संरक्षण भी करें इसमें उन्होंने सिर्फ यही नहीं कहा कि पौधारोपण किया जाए बल्कि उसे पौधारोपण का फोटोग्राफ संगठन को दें एवं उसकी देखभाल करें और हर तीन-तीन माह में उसकी फोटोग्राफ उपलब्ध करें कि उनके द्वारा रोपित पौधों की स्थिति क्या है, यानि कहने का मतलब यह है कि उन्होंने एक अनूठा कार्यक्रम रखा कि लोगों द्वारा पर्यावरण की प्रति सजग हो सिर्फ पौधे लगाकर छोड़ देना ही काफी नहीं है उसकी देखभाल भी बहुत जरूरी है और इस संदर्भ में वह आगे भी कार्यक्रम करेंगे, इस कार्यक्रम में उन्होंने पर्यावरण पर एक संगोष्ठी भी आयोजित की थी जिसमें लोगों को प्रेरित किया गया था कि पर्यावरण संरक्षण अपने स्तर पर वह कैसे कर सकते हैं यह कार्यक्रम बहुत ही हिट कार्यक्रम रहा है लोगों के बीच एक अनूठा छाप छोड़ गया है और लोगों को प्रेरणा दे रहा है कि वह इस कार्य में जुड़े लगभग 300 से भी ज्यादा लोगों एवं 100 से अधिक संगठनों ने इस अनूठा कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और इस कड़ी में शामिल हुए की पर्यावरण संरक्षण कैसे किया जाए और सिर्फ पर्यावरण दिवस पर ही कार्यक्रम कर इतिश्री करने की इस परंपरा को उन्होंने तोड़ा है
हमारा भारतवर्ष वर्तमान में आधुनिकीकरण की दौड़ से गुजर रहा है एवं विश्व में नंबर वन अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर है यह बहुत ही स्वागत योग्य कार्य चल रहा है पर इसके साथ ही समाज में आधुनिकीकरण व आगे बढ़ाने की प्रतिस्पर्धा भी चल रही है जिसके चलते हमारे सनातन परंपरा लोग भूलते चले आ रहे हैं जिसके कारण कहीं मजबूरी तो कहीं स्वार्थ के कारण हम अपने माता-पिता जो जीवन पर भर संघर्ष कर हमें एक मुकाम तक पहुंचाते हैं नौकरी ,व्यवसाय की अंधी दौड़ में हम अपने माता-पिता एवं बुजुर्गों को बोलते चले आ रहे हैं बढ़ती हुई ओल्ड एज प्रथा हमारे लिए एक समस्या बन रही है यह समस्या नहीं है यह हम अपनी समस्याओं से छुटकारा पाने का रास्ता अपना रहे जो कि हमें विदेश से मिली है सहानुभूति, संवेदना लगभग दम तोड़ रही है इसी विषय पर श्रीमती पुनीता भटनागर जी अपना आगामी प्रोग्राम या यूं कहें जन जागरण के लिए एक विशेष कार्यक्रम कर रही है जिसमें हम अपने बुजुर्ग माता-पिता अथवा घर के बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें क्योंकि वह हमारी एक अमूल्य धरोहर है एवं उनके अनुभव हमारे जीवन के संघर्ष को आसान कर देते हैं किंतु हम लोग ओल्ड फैशन समझ के ना करते हैं जो कि हमारी बहुत बड़ी एक भूल है घर के अंदर समाज में हमारी पुरातन परंपरा को हमें बनाए रखना है जिससे किआधुनिकीकरण व विकास के साथ-साथ हम अपनी परंपराओं को भी जीवित रखें क्योंकि जिस समाज ने अपनी परंपरा को नकारा वह समाज समाप्त हो गया यह बहुत ही ज्वलंत समस्या है जिसको हमें आप सबको मिलकर संघर्ष कर हमारी पुरातन परंपरा अपने बुजुर्गों को माता-पिता को सम्मान उनके अनुभवों का लाभ उठाना एवं अपने घर में बुजुर्गों का सम्मान करना अपने आगामी पीढ़ी को इस विषय में प्रेरित करना यह हमारी जिम्मेदारी है, इसी विषय पर लेकर जैसा कि आप सभी जानते हैं कि श्रीमती पुनीता भटनागर गंभीर विषयों पर कार्य करनी है और इस वर्ष उनका किसी विषयों पर समर्पित रहा है इस संदर्भ में श्रीमती पुनीता भटनागर अपने कार्यक्रम की रूपरेखा हमारे प्रतिनिधि को बताया कि आगामी 5 नवंबर 2025 को परिवार के बुजुर्ग एवं वरिष्ठ लोगों के सम्मान एवं परिवार में सनातन परंपरा को बनाए रखने के लिए एक प्रेरणादायक कार्यक्रम श्रीमती भटनागर कर रही है
आगामी 5 नवंबर 2025 को परिवार के बुजुर्ग एवं वरिष्ठ लोगों के सम्मान एवं परिवार में सनातन परंपरा को बनाए रखने के लिए एक प्रेरणादायक कार्यक्रम श्रीमती भटनागर कर रही है
हमारे मैनेजिंग एडिटर से एक विशेष साक्षात्कार में श्रीमती पुनीता भटनागर ने अपने सभी कार्यक्रमों के विषय में विस्तृत चर्चा की और अपने अनुभव साझा किया









