UGC NET परीक्षा रद्द करने के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आज एक याचिका दायर की गई है। केंद्र सरकार ने 19 जून को UGC-NET की परीक्षा रद्द कर दी थी। यह परीक्षा रद्द करने से एक दिन पहले यानी 18 जून को हुई थी। याचिका एडवोकेट उज्ज्वल गौर ने दायर की है। पिटीशन में UGC-NET की दोबारा परीक्षा कराने पर तब तक रोक लगाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, जब तक कि CBI NET एग्जाम में हुई गड़बड़ियों की जांच पूरी नहीं कर लेती।
याचिका में कहा गया है, CBI के हालिया निष्कर्षों को ध्यान में रखते हुए फिर से परीक्षा आयोजित करने का निर्णय न केवल मनमाना है, बल्कि अन्यायपूर्ण भी है। इसके अलावा, CBI की जांच से यह तथ्य सामने आया है कि क्वेश्चन पेपर लीक का दावा करने वाले सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है।
याचिका में यह दलील भी दी गई कि NET परीक्षा को अनावश्यक रद्द करने से उन अभ्यर्थियों को काफी परेशानी हुई, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की थी। साथ ही साथ इस निर्णय ने अनगिनत स्टूडेंट्स की एकेडमिक और प्रोफेशनल प्लान्स को बाधित किया है, जिससे एग्जामिनेशन सिस्टम में उनका भरोसा कम हुआ है। याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ करेगी।