लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर चल रहे सस्पेंस वाले मूवमेंट ने अपनी ओर्बिट बदल ली है योगी के खिलाफ बगावत का झण्डा बुलंद करने वाले दोनों डिप्टी सीएम के भविष्य पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं योगी आदित्यनाथ भी इस बार संतुलित और प्रभावी चेहरे को डिप्टी सीएम का पद देना चाह रहे हैं इसके लिए वह जिन नामों पर विचार कर रहे हैं उसमें पल्लवी पटेल, मनोज पांडे सबसे अधिक चर्चा में बनते नजर आ रहे हैं दिल्ली बीजेपी मुख्यालय में बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व बैठक कर रहा है केशव मौर्या भी उस बैठक में मौजूद,बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व आज ही शायद केशव मौर्या का भविष्य बता कर इस घटनाक्रम का पटाक्षेप करना चाहेगा योगी के खिलाफ मिशन फेल होने पर इस खड्यंत्र में शामिल लोगों को मलाल तो होगा ही उन्हें इस घटना से एक सबक जरूर मिल गया होगा कि पिटे हुए मोहरों के भरोसे जंग जीती नही जा सकती है.इसलिए अब तो उन्हें भी यही कहकर संतोष करना चाहिए कि ” जंगे यूपी का अंजाम यही, जो योगी आदित्यनाथ कहें वही सही”