लखनऊ के कैसरबाग बस अड्डे पर रातभर अवैध रूप से चलने वाली गाड़ियों का संचालन हो रहा है, जिसमें किराया दोगुना लिया जा रहा है। बिना रजिस्ट्रेशन और अनुशासन के, गाड़ियों में यात्रियों को ठूंसकर भरा जा रहा है, जिससे उनकी सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो रहा है। थाना कैसरबाग और हाता चौकी इस स्थिति पर चुप क्यों हैं? चौकी से चंद कदम की दूरी पर रात भर यात्रियों की भीड़ रहती है, जिससे नशे में धुत गाड़ी चालकों के बीच विवाद की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। यह अवैध परिवहन का कारोबार वर्षों से चल रहा है और इस पर पुलिस की मिलीभगत का संदेह गहरा हो रहा है।
कैसरबाग चौराहे पर इन गाड़ियों का आना-जाना लगातार जारी है। ओवरलोडिंग के कारण कई दुर्घटनाएँ भी हो चुकी हैं। वीडियो में स्पष्ट रूप से यह देखा जा सकता है कि बिना साइड मिरर और रजिस्ट्रेशन के गाड़ियाँ धड़ल्ले से भरी जा रही हैं। क्या प्रशासन इन मुद्दों से अवगत नहीं है? आखिर इस समस्या को समाधान करने के लिए कोई प्रभावी कदम क्यों नहीं उठाया जा रहा है?