दवा के दामों का खेल – आम आदमी के साथ खुला धोखा ??नीचे दिख रही तस्वीर में ब्रो- कॉफडेक्स दवा है। मेडिकल स्टोर पर ये मुझे ₹90 में मिली, जबकि इसकी MRP ₹127 लिखी है।कई मेडिकल स्टोर वाले इसको MRP के दाम पर ही देते है 50 पैसे भी कम नहीं करते है।मतलब साफ है — जो कीमत असल में कम है, उसे जानबूझकर ज्यादा दिखाया जा रहा है ताकि छूट का झांसा दिया जा सके।अब सीधे सवाल जब ₹90 में दवा बिक सकती है तो ₹127 क्यों लिखी?MRP तय कौन करता है? कंपनी या सरकार?क्या मरीज को बेवकूफ बनाया जा रहा है?दवाओं के दाम कंट्रोल करने वाला विभाग कहां सो रहा है?ड्रग डिपार्टमेंट का काम क्या सिर्फ कागजों में जांच दिखाना है?बीमार इंसान पहले ही परेशान होता है, ऊपर से ये कीमतों का खेल उसकी जेब भी काट रहा है।दवा जरूरत है, लग्ज़री नहीं। फिर आम आदमी से ही इतना मुनाफा क्यों?







