वाहनों में मानक वाले रिफ्लेक्टिव टेप व रियर मार्किंग टेप लगाने का मामला हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद सोए हैं परिवहन अधिकारी कोहरा पड़ेगा तो बढ़ेंगे सड़क हादसे जनहित याचिका पर दिया उच्च न्यायालय ने आदेश
लखनऊ 20 नवम्बर कोहरे के मौसम में सड़क दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं और अब कोहरे का मौसम शुरू हो गया है। विभागीय और उच्च न्यायालय का आदेश होने के बावजूद वाहनों में मानक के हिसाब रिफ्लेक्टिव टेप और रियर मार्किंग टेप लगाए जाने को लेकर परिवहन अधिकारी और कार्यालय सुस्त और सोए पड़े हैं।
हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मानक के अनुसार रिफ्लेक्टिव टेप एवं रियर मार्किंग टेप लगाए जाने को लेकर जनहित याचिका पर आदेश करते हुए उत्तरदाताओं को जवाब देने के लिए दिये चार सप्ताह का समय मिला है। उच्च न्यायालय के आदेश में यह भी कहा गया है कि- ‘रिट याचिका के लंबित रहने के दौरान, केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 104 और उक्त विषय पर समय-समय पर जारी प्रासंगिक परिपत्रों के कार्यान्वयन के लिए सभी प्रभावी कदम और उपाय किए जाएँगे। प्रभावी कदमों में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया आदि जैसे सभी माध्यमों से पूरे राज्य में नियमित और समय-समय पर जागरूकता फैलाना शामिल होगा, खासकर सर्दियों के मौसम को देखते हुए, जिसमें कोहरे आदि जैसे स्पष्ट कारणों से दुर्घटनाएँ बढ़ जाती हैं। इस संबंध में प्रमाण अगली तिथि को हलफनामे के साथ प्रस्तुत किए जाएँगे।’
यह आदेश जस्टिस राजन रॉय एवं जस्टिस राजीव भारती की बेंच ने दिया।
सड़क दुर्घटनाओं के कई कारणों में से एक बड़ा कारण गाड़ियों पर मानक के अनुसार रिफ्लेक्टिव टेप एवं रियर मार्किंग टेप लगा न होना है। सस्ती गुणवत्ता वाले टेप लगे होने से उनका वास्तविक लाभ नहीं मिल पाता, नतीजतन बहुत सी दुर्घटनाएं होती हैं और बहुत मृत्यु होती हैं। ज्ञातव्य है कि सामाजिक संस्था ने इसी मुद्दे को लेकर 15 मई 2025 को परिवहन आयुक्त को एक पत्र दिया था। इस पत्र को संज्ञान में लेते हुए 28 मई 2025 को परिवहन आयुक्त द्वारा एक सर्कुलर भी जारी किया गया जिसमें आरटीओ व एआरटीओ को मानक वाले रिफ्लेक्टिव टेप और रियर मार्किंग टेप लगे होने के उपरांत ही फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने के लिए बोला गया था। लेकिन इस पर आरटीओ और एआरटीओ स्तर पर कोई विशेष कार्यवाही नहीं हुई।









