सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को फिर 7-7 साल की सजा हुई है। रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने फर्जी पैन कार्ड मामले में सोमवार को दोनों को दोषी करार दिया।फैसले के तुरंत बाद कोर्ट में ही पुलिस ने बाप-बेटे को हिरासत में ले लिया। दोनों को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट से एक किमी दूर गाड़ी से रामपुर जेल लेकर गई। कोर्ट ने दोनों पर 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया।आजम पुलिस की बोलेरो से जेल के बाहर उतरे तो एक हाथ में चश्मे का केस, दो पैकेट बिस्किट थे। फिर अब्दुल्ला गाड़ी से उतरा, उसके हाथ खाली थे। आजम के साथ उनका बड़ा बेटा अदीब भी पीछे-पीछे गाड़ी से जेल के गेट तक पहुंचा। उसने पिता आजम के कान में कुछ कहा, लेकिन क्या कहा, यह क्लियर नहीं है।जेल में दाखिल होने से पहले आजम ने कहा-कोर्ट का फैसला है, कोर्ट ने गुनहगार समझा तो सजा सुनाई है।वहीं, आजम के जेल जाने के बाद अखिलेश यादव ने कहा- सत्ता के गुरूर में जो नाइंसाफी और जुल्म की हदें पार कर देते हैं। वो खुद एक दिन कुदरत के फैसले की गिरफ्त में आकर एक बेहद बुरे अंत की ओर जाते हैं। सब, सब देख रहे हैं।
आजम खान 2017 में अखिलेश सरकार में नगर विकास मंत्री थे। उन्होंने अपने रसूख के दम पर लखनऊ नगर निगम से बेटे का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र (बर्थ सर्टिफिकेट) बनवाया। उसी के आधार पर फर्जी पैन कार्ड बनवाकर अब्दुल्ला को चुनाव लड़वाया था।रामपुर कोर्ट का यह फैसला आजम के खिलाफ दर्ज 104 मुकदमों में से एक है। अब तक अदालत 11 मामलों में फैसला सुना चुकी है। इनमें से 6 मामलों में आजम को सजा हो चुकी है। वहीं, 5 मामलों में उन्हें बरी किया गया।2 महीने पहले ही सभी केस में जमानत मिलने के बाद आजम सीतापुर जेल से बाहर आए थे। अब फिर से जेल पहुंच गए।आजम के इशारे पर बने बेटे के 2 पैन कार् इस केस का ट्रायल एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रहा था। इसमें दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी हो चुकी थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान वादी आकाश सक्सेना के वकील संदीप सक्सेना ने तर्क दिया कि अब्दुल्ला आजम के साथ उनके पिता भी दोषी हैं। आजम पर आरोप लगा कि उनके इशारे पर ही दोनों पैन कार्ड का अब्दुल्ला ने समय-समय पर अलग-अलग इस्तेमाल किया।आजम खान और अब्दुल्ला आजम कोर्ट में पेश हुए। एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट शोभित बंसल ने आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला को धोखाधड़ी में दोषी करार दिया।
आजम करीब 2 महीने पहले 23 सितंबर को ही सीतापुर जेल से रिहा हुए थे। उनका बेटा अब्दुल्ला 9 महीने पहले हरदोई जेल से रिहा हुआ था।फर्जी पैन कार्ड का मामला 2019 का है। रामपुर में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस थाने में दोनों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि आजम ने बेटे अब्दुल्ला को चुनाव लड़वाने के लिए दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्रों के आधार पर दो पैन कार्ड बनवाए।असली जन्म तिथि यानी 1 जनवरी, 1993 के मुताबिक, अब्दुल्ला 2017 में चुनाव लड़ने के योग्य नहीं था। उसकी उम्र 25 साल नहीं हुई थी। इसलिए आजम ने दूसरा पैन कार्ड बनवाया, जिसमें उन्होंने जन्म का साल 1990 दिखाया था।फैसला आने के बाद विधायक आकाश सक्सेना ने कहा-मैं इसे सत्य की जीत मानता हूं। आजम पर जितने मामले चल रहे, सारे पेपर एविडेंस के आधार पर हैं। कोई ऐसा केस नहीं, जिसमें उनके खिलाफ सबूत न हों। इसलिए कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई। जो गलत किया है, उसकी सजा मिलेगी ही।









